शायरी
,🥀🌹यूं तो किसी चीज के मोहताज नही हम,
बस एक तेरी आदत सी हो गयी है।🥀🌷
🥀🌹सिर्फ़ किताबों से
ज्ञान मिले ये जरूरी नहीं
कुछ चेहरे भी ज्ञान दे जाते हैं🌹🥀
🥀🌹उसे हम याद आते हैं फ़क़त फुर्सत के लम्हों में...
मगर ये बात भी सच है उसे फुर्सत नही मिलती...🌹🌷
🥀🌹हम तस्लीम करते हैं हमे फुर्सत नही मिलती...
मगर जब याद करते हैं तो ज़माना भूल जाते हैं...,,🌹🌷
🌹🌷ज़माना भूल जाते है तेरे एक दीद के खातिर...
ख्यालों से निकलते हैं तो सदियाँ बीत जाती हैं...🌹🌷
🌹🌷सदियाँ बीत जाती है ख़्यालों से निकलने में...
मगर जब याद आती है तो आँखे भीग जाती है...🌹🌷
,🌷🌹 चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का
सो आ गया तुम्हारा ख़याल वैसे ही🌹🥀
🌷🌹चित्रकार तुझे,उस्ताद मानूँगा,
दर्द भी खींच, मेरी तस्वीर के साथ।🌷🌹
🌷🥀ऐब भी बहुत है मुझमें और खूबियां भी
ढूंढने वाले तू सोच , तुझे क्या चाहिए ✍️🌷🥀
🌹" मैं अकेला गुनेहगार नहीं ...
मैं , मय और मेरे लहजे ,
तीनों ने डुबोया मुझको " !!🌹🥀
Comments