असंवेदनशील सरकार :: हड़ताल को कुचलने की कोशिश...



बिहार में शिक्षकों की हड़ताल जारी है।रोज और हर छोटे समाचार के साथ शिक्षकों को सरकार की कुछ सकारात्मक खबरें मिलने की उम्मीद होती है।लेकिन सरकार सख्त है और हड़ताल खत्म करने के लिए सभी सख्त तरीके अपना रही है।
इस क्रम में शिक्षा विभाग ने अपने अधिकारी के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और महत्वपूर्ण निर्देश  दिया।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक जिस जिले में पोस्टेड हैं वहां के डीईओ या बीईओ के ऑफिस में जाकर योगदान दे सकते हैं। जो शिक्षक निलंबित हैं उन्हें भी ज्वाइन करा लिया जाएगा और उनका निलंबन रद्द कर दिया जाएगा। शिक्षक अगर तीन माह तक योगदान नहीं देते हैं तो उनकी सेवासमाप्त हो जाएगी। शिक्षकों को ज्वाइन करने के लिए 19 मई तक का समय दिया गया है।

दूसरी तरफ शिक्षक नेता आनंद कौशल ने फेसबुक लाइव पर शिक्षक को संबोधित किया।शिक्षकों का पक्ष रखते हुए उन्होंने यह स्पष्ट किया कि शिक्षक इस तरह का बर्ताव बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार को शिक्षकों के साथ बात करनी होगी और हड़ताल समाप्त करने के लिए कुछ ठोस निर्णय लेने होंगे ।उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार इस महामारी सरकार ने शिक्षकों का भुगतान रोक दिया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
यह महामारी की स्थिति अप्रत्याशित थी, इसके परिणामों के बारे में कोई नहीं जानता था।कहा जाता है कि इस हड़ताल की अवधि के दौरान 60 से अधिक लोगों की जान चली गई।
सरकार को भी इसे समझना चाहिए और शिक्षकों से बातचीत करने का प्रयास करना चाहिए।यह स्पष्ट है कि अगर उनकी बातचीत होगी तो निश्चित रूप से इस हड़ताल को समाप्त करने का एक तरीका होगा।

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किस संबिधान में लिखा गया है कि अगर आप 3 महीना no work no pey पर कर्मचारी है तो स्वतः निलंबित हो जाएगा।

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