बिहार में काली पट्टी बांध कर करेगें विरोध प्रदर्शन::शिक्षक दिवस 2020
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*सेवा शर्त के खिलाफ नियोजित शिक्षक 5 सितंबर को मनाएंगे अपमान दिवस।
*शिक्षक 12 सितंबर 2020 को सीएम का प्रखंड स्तर पर अर्थी जुलूस निकालेंगे।
*नियोजित शिक्षकों से सरकार ने धोखा किया है ये आरोप शिक्षक सरकार पर लगा रहे है।
5 सितंबर को पूरे राज्य में शिक्षक अपमान दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है।
बिहार के नियोजित शिक्षक वर्षों से सेवा शर्त और वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे।पिछले चुनाव में इस सरकार ने इनको सेवा शर्त देने का वादा किया था और एक कमेटी का गठन भी के दिया जिसे 3 महीने में अपनी रिपोर्ट देना था।मगर 5 वर्ष पूरा होने पर भी ये रिपोर्ट पूरी नहीं हुई ।जैसे ही चुनावों कि तारीख़ करीब आया तो बिहार सरकार की नींद खुली और सरकार ने नियोजित शिक्षक की मांग पूरी की। 15 फीसदी वेतन वृद्धि के साथ सेवा शर्त भी लागू कर दिया।शिक्षकों को राज्य सरकार द्वारा लागू की गई सेवा शर्त पर आपत्ति है। इस सेवा सर्त में बहुत सी बातों से शिक्षक खुश नहीं है इस लिए नीतीश सरकार के खिलाफ नियोजित शिक्षक फिर से आंदोलन की राह पर चलने जा रहे हैं। नियोजित शिक्षकों के लिए सिर्फ साल बदला है मगर उनकी राह वहीं है । गौरतलब है कि शिक्षकों और सरकार के घर्ष का सिलसिला पिछले वर्ष शिक्षक दिवस से शुरू हुआ है और इस वर्ष तक जारी है।पिछले वर्ष शिक्षक दिवस की पटना के गरदनी बाग़ बाग़ इलाके में शिक्षकों का जोरदार प्रदर्शन हुए था।
नियोजित शिक्षकों ने सरकार पर नियोजित शिक्षक से धोखा करने का आरोप लगाया और इस सेवा सर्त को चिनिज सेवा सर्त कहा है। पंचायत, नगर और प्रारंभिक शिक्षकों ने आंदोलन का ऐलान किया है।आनंद कौशल सिंह ने कहा, “ 5 सितंबर को पूरे राज्य में शिक्षक अपमान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा।“
कोरोना वायरस के बीच आपसी दूरी बना कर और कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पालन करते हुए, नियोजित शिक्षक 5 सितंबर को सभी शिक्षक काली पट्टी बांधकर स्कूल जाएंगे । शिक्षक दिवस समारोह का बहिष्कार करेंगे। बिहार सरकार के द्वारा शिक्षक दिवस को मानने का स्पेशल आदेश आया है जिसमें डिजिटल तरीके से शिक्षक दिवस मनाने पर जोर दिया गया है, मगर शिक्षकों ने विरोध का मन बना लिया है। इसके साथ ही १२ सितंबर को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का प्रखंड स्तर पर अर्थी जुलूस निकालेंगे। 19 सितंबर को भी पूरे राज्य में मशाल जुलूस का कार्यक्रम है। नियोजित शिक्षकों ने इस बार विधानसभा चुनाव और विधान परिषद चुनाव में एनडीए प्रत्याशियों को वोट नहीं देने का संकल्प लेने का निर्णय लिए है। इसकी संख्या 4.5 लाख है।इनकी एकजुटता को देख कर लग रहा है कि इस बार चुनाव में ये खुल के वर्तमान सरकार के खिलाफ वोट करने वाले हैं।
बिहार नियोजित शिक्षक स्थानांतरण के लिए .....
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